Samajik Suraksha Pension Yojana Bihar: बिहार सरकार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में, सामाजिक न्याय और जनकल्याण को हमेशा से प्राथमिकता देती रही है। इसी सोच का प्रत्यक्ष उदाहरण है सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, जो राज्य के वृद्धजनों के लिए आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार बन गई है।
विशेष रूप से 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों को यह योजना न केवल सम्मान देती है, बल्कि उन्हें स्वाभिमान से जीने का अवसर भी प्रदान करती है।
Samajik Suraksha Pension Yojana Bihar वृद्धजन: समाज का आधार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि वृद्धजन समाज की अमूल्य धरोहर हैं और उनका जीवन यापन सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार बुजुर्गों के कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है।
इसी सोच के तहत 11 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री ने पेंशन राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया। यह बढ़ी हुई राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे भेजी गई, जिससे उन्हें त्वरित और पारदर्शी लाभ मिल सका।
80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लिए विशेष लाभ
इस योजना के तहत 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के कुल 13 लाख 43 हजार 311 वृद्धजनों को पेंशन दी जा रही है। इनमें पुरुष, महिलाएं और ट्रांसजेंडर शामिल हैं। यह पहली बार हुआ जब इतनी बड़ी संख्या में वृद्धों को तीन गुना बढ़ी हुई पेंशन प्राप्त हुई।
- पुरुष लाभार्थी: 6,66,070
- महिला लाभार्थी: 6,76,929
- ट्रांसजेंडर लाभार्थी: 312
ट्रांसजेंडर समुदाय को भी बराबरी का लाभ
राज्य सरकार की यह पहल सराहनीय है कि समाज के हाशिए पर खड़े ट्रांसजेंडर्स को भी योजना में शामिल किया गया है। बिहार में 312 ट्रांसजेंडर लाभार्थी सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं। सबसे ज्यादा 69 ट्रांसजेंडर जमुई जिले में हैं, इसके बाद नालंदा (22), सीतामढ़ी (17), सुपौल और पटना (14-14), और गया (13) में हैं।
प्रमुख जिलों में लाभार्थियों की संख्या
कुछ जिलों में पेंशनधारकों की संख्या काफी अधिक है:
- मधुबनी – 73,926 (पुरुष: 35,302, महिला: 38,620, ट्रांसजेंडर: 4)
- मुजफ्फरपुर – 63,357
- वैशाली – 61,378
- पटना – 59,567
- समस्तीपुर – 58,882
- पूर्वी चंपारण – 58,555
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि योजना का प्रभाव व्यापक रूप से पूरे राज्य में फैलाया गया है।
व्यापक स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन
11 जुलाई को इस योजना के तहत राज्यभर में 85,012 स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सबसे अधिक:
- वैशाली – 10,146
- गया – 6,600
- समस्तीपुर – 5,309
- नालंदा – 4,792
- सारण – 4,676
- कटिहार – 3,300
- भागलपुर – 2,847
- पूर्वी चंपारण – 2,493
इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य यह था कि अधिक से अधिक पात्र लोगों तक योजना का लाभ पहुंचे और बुजुर्गों को सम्मानपूर्वक सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा सके। इस अवसर पर कुल 66 लाख 71 हजार 969 लाभार्थियों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
निष्कर्ष:
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना बिहार सरकार की एक अभिनव और संवेदनशील पहल है। यह योजना न केवल बुजुर्गों के जीवन को आसान बनाती है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान के साथ जीने का अवसर भी देती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच “बुजुर्गों की सेवा – समाज की असली सेवा” को इस योजना ने वास्तविक रूप दिया है। यह योजना भविष्य में भी लाखों बुजुर्गों के लिए उम्मीद की किरण बनी रहेगी।
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